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			 कविता संग्रह >> मैं नहीं था लिखते समय मैं नहीं था लिखते समयगोबिन्द प्रसाद
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कवि गोबिंद प्रसाद की कविताएँ पाठक के पास वैसे ही सहज चली जाती हैं जैसे ससुराल से लौटती बेटी निस्संकोच माँ की गोद में समा जाती है….
कवि गोबिंद प्रसाद की कविताएँ पाठक के पास वैसे ही सहज चली जाती हैं जैसे ससुराल से लौटती बेटी निस्संकोच माँ की गोद में समा जाती है। सहजता इन कविताओं का 'स्व'--भाव है। जी हाँ, ये हमारी सचमुच हिंदी की कविताएँ हैं।
						
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